सोमवार, 31 अगस्त 2009

कोई तो मानक हो ब्लाग लेखन का - 2

ब्लाग पर बकवास, पैसा खर्च होता है भई !
ब्लाग पर बकवास लिखने से पहले ब्लाग लिखने वालों को यह जरूर सोचना चाहिए कि जो कोई भी उन्हें पढ़ रहा है, वह अपने पाकेट का पैसा खर्च कर पढ़ रहा है। नेट का लिंक मुफ्त में तो नहीं मिलता? और आज के उपभोक्ता युग में क्या किसी को यह राइट बनता है कि अपने उपभोक्ता को झांसा दे, उसे फ्लर्ट करे या निरर्थक बातों में उसका समय जाया करे? मैंने पिछली पोस्ट में ही कहा था कि अभी लिखे जा रहे सत्तर फीसदी ब्लाग को पढ़ने से यह पता ही नहीं चलता कि आखिर वे क्या लिख रहे हैं और किसके लिए लिख रहे हैं। कई ब्लाग तो ऐसे हैं, जिन्हें पढ़कर बच्चा भी कह देगा कि लेखक अपने लिए भी नहीं लिख रहा है। मुझे तो ऐसे ब्लागों को देखने से यही लगा कि लेखक आखिर कैसे किसी को यह बता पाएगा कि वैसा वकवास उसी ने लिखा है। मगर, एक कहावत पढ़ी थी। एक दारूबाज पति अपनी पत्नी से गाहेबगाहे पीने के लिए पैसे झटके करता था और इसके लिए वह रोज नये-नये बहाने किया करता था। एक दिन वह घर गया और लगा पैसे मांगने। पत्नी के पूछने पर उसने बताया कि आज एक सट्टा लगा है। लोग कहते हैं बकरी की चार टांगें होती हैं। मैंने कहा है कि पांच होती हैं। मैं जीतूंगा। पैसे लाओ, डबल मुनाफे की बात है। पत्नी बोली, बेवकूफ आदमी, बकरी की चार टांगें ही होती हैं। पति बोला - मैं मानूंगा ही नहीं। पत्नी बोली - लोग बकरी को सामने लाकर टांगें गिनवा देंगे। पति बोला - गिनवाते रहें, मैं मानूंगा ही नहीं। पत्नी ने माथा पीट लिया। अब ब्लागों पर बकवास पढ़ने वाले क्या ऐसे ही अपना माथा पीटें? या कोई है इसका निदान?
(फिलहाल इतना ही। बहस जारी रहेगी। इस ब्लाग को पढ़ने वाला हर व्यक्ति इस बहस में भाग लेने के लिए आमंत्रित है।)
कौशल, पुरुषोत्तम।

5 टिप्‍पणियां:

Arvind Mishra ने कहा…

WELCOME Charity begins at home!

Dr Parveen Chopra ने कहा…

इस के बारे में मेरा विचार यह है कि हम कौन होते हैं किसी के लिये मानक तय करने वाले। वैसे जो दूसरी जगह पर मानक ......

बस आगे लिखने की इच्छा नही हुई जब देखा कि आपने तो टिप्पणी माडरेशन सक्षम किया हुया है। तो आज के लिेये सिर्फ इतना ही।

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

पति का कहना सही है
कई बार आंखों देखा भी झूठ हो जाता है
और कानों सुना ......
उसकी कोई गारंटी नहीं।

खैर ... आप अपनी टी आर पी बढ़ाने में जुटे रहिए भाई।

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" ने कहा…

आप अपनी तरफ से कुछ प्रयास करें तो शायद आप की देखा देखी ओर लोग भी कुछ सार्थक करने लगें....

वीनस केसरी ने कहा…

बीमारी तो हमको भी पता है, अब कुछ इलाज की बात करिए
वीनस केसरी