सोमवार, 9 मार्च 2009

नंगा न होइए हम्माम में

आप सभी को मेरी तरफ से रंगोत्‍सव की ढेर सारी शुभकामनाएं।

खाइए,

पीजिए,

झूमिए,

सब कुछ कीजिए,

पर, परंपराओं को संभालते हुए,

संस्कारों को सहेजते हुए।

अपनों की याद में,

परायों के सम्मान में।


ईमान में, इनाम में,

महफिले खास में और आम में,

ख्याल रहे,

कभी नंगा न होइए,

वहां . . .

कहां ? ?

जी हां, वहीं . . .

हम्माम में।