सोमवार, 9 मार्च 2009

नंगा न होइए हम्माम में

आप सभी को मेरी तरफ से रंगोत्‍सव की ढेर सारी शुभकामनाएं।

खाइए,

पीजिए,

झूमिए,

सब कुछ कीजिए,

पर, परंपराओं को संभालते हुए,

संस्कारों को सहेजते हुए।

अपनों की याद में,

परायों के सम्मान में।


ईमान में, इनाम में,

महफिले खास में और आम में,

ख्याल रहे,

कभी नंगा न होइए,

वहां . . .

कहां ? ?

जी हां, वहीं . . .

हम्माम में।

5 टिप्‍पणियां:

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" ने कहा…

बहुत ही उम्दा रचना....सच में अपनी परम्पराओं,संस्कारों के दायरे में रहकर ही उत्सव का सही आनन्द लिया जा सकता है.
होली की आपको भी हार्दिक शुभकामनाऎं.......

अबरार अहमद ने कहा…

बहुत खूब कही। आपको भी होली की ढेरों बधाईयां।

राज भाटिय़ा ने कहा…

सुंदर रचना.
आपको और आपके परिवार को होली की रंग-बिरंगी ओर बहुत बधाई।
बुरा न मानो होली है। होली है जी होली है

sandhyagupta ने कहा…

होली की हार्दिक शुभकामनाएँ .

कुमार संभव ने कहा…

सबसे पहले माफ़ी चाहूँगा आप के ब्लॉग पर लेट से आने के लिय ब्लॉग पढ़ कर लगा कि मैने आज तक क्या मिस किया.